Raavi News Gurdaspur
जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर के बारामुला क्षेत्र में अपने साथी सैनिकों के प्राणों को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सेना की 2 सिख यूनिट के नायक बलकार सिंह का 20वां बलिदान दिवस सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल गांव भरथ में प्रिंसिपल वरिंदर कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुआ जिसमें सेना की 8 मद्रास यूनिट से मेजर राकेश चौधरी बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए इनके अलावा सीमा सुरक्षा बल की 58 बटालियन से सहायक कमांडेंट संजीव कुमार, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की, शहीद की पत्नी दलजीत कौर, चाचा गुरदीप सिंह व हरदीप सिंह, शहीद लेफ्टीनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद लांसनायक डिप्टी सिंह सेना मेडल के भतीजे वरिंदर सिंह, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद कांस्टेबल मनदीप कुमार के पिता नानक चंद, 3 जैक एल.आई यूनिट से सूबेदार राजेश कुमार, 8 मद्रास यूनिट से सूबेदार आर. रंगा रेडी, डिम्पल फौजी, शहीद नायक बलकार सिंह यूथ क्लब के प्रधान कपिल सहरिया आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज किया। श्रद्धांजलि सामरोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि मेजर राकेश चौधरी ने कहा कि मेरे लिए आज गर्व का दिन है कि मुझे भारत मां के वीर सपूत नायक बलकार सिंह के बलिदान को नमन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, ऐसे शौर्यवीरों के बलिदानों की बदौलत ही देश की सीमाएं महफूज हैं वह इस अमर वीर के माता-पिता को भी नमन करते हैं जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म देकर राष्ट्र को समर्पित कर दिया जिनके बलिदान का देश सदैव कर्जदार रहेगा आज जहां नायक बलकार सिंह के परिजनों को उनकी शहादत पर गर्व है वहीं सेना के जवान भी उनके सुप्रीम सैक्रिफाइस से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे, नायक बलकार का परिवार सेना का अपना परिवार है और हम कभी भी इनके हौंसले को परास्त नहीं होने देंगे क्योंकि जो इंसान पैदा हुआ है उसे एक दिन धरती से जाना है लेकिन जिसका जीवन देश के काम आता है उससे बड़ा कोई पुण्य व धर्म नहीं है। उन्होंने कहा इस स्कूल के छात्र डॉक्टर, इंजीनियरिंग बनने का लक्ष्य लेकर पढ़ाई कर रहे हैं मगर मैं सभी छात्रों को कहना चाहता हूं कि अगर आपके अंदर देशभक्ति का जनून है तो वह फौज ज्वाइन करें क्योंकि सेना में जाना देशभक्ति का सर्वोत्तम माध्यम है और सेना में जाने की पहली सीढ़ी है अनुशासन जिसका पालन करते हुए आप अपना सपना साकार कर सकते हो आज जहां आप बैठे हो मैं भी 15 साल पहले ऐसे ही स्कूल में बैठा था और ऐसे ही किसी से प्रेरणा लेकर आज वो सेना में रहकर देशसेवा कर रहे हैं और सेना रूपी ऑर्गेनाइजेशन का हिस्सा बनकर वो हर पल खुद को गौरवाविंत महसूस करते हैं।
आजादी के पीछे रहा है कुर्बानियों का लंबा इतिहास: सहायक कमांडेंट
सहायक कमांडेंट संजीव कुमार ने कहा सदियों की गुलामी के बाद देश को जो बहुमूल्य आजादी मिली उसके पीछे कुर्बानियों का लंबा इतिहास रहा है और गुलामी के दर्द को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता ।मैं इस वीर भूमि को शत-शत नमन करता हूं जहां आज नायक बलकार सिंह के शौर्य की गाथा गाई जा रही है और जहां उपस्थित उन शहीद परिवारों को भी वंदन करता हूं जिन्होंने इस देश की एकता व अखंडता को कायम रखने हेतु अपने पुत्र, भाई व पति देश पर बार दिए। उन्होंने कहा दुश्मन से लड़ते हुए एक सैनिक की जिंदगी और मौत के बीच चंद सैंकिड का फैसला होता है और देशवासी सुरक्षित रहे उसके लिए सैनिक मौत का रास्ता चुनते हुए वीरगति को गले लगा अपना सैन्य धर्म निभा जाता है।
सरहद पर सैनिक जागता है तभी देश सोता है चैन की नींद: कुंवर विक्की
कुंवर रविंद्र विक्की ने कहा शौर्य, त्याग व बलिदान का दूसरा नाम है देश का वीर सैनिक जिसके लिए परिवार से पहले राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि होती है, एक सैनिक के लिए फौज में जाना पैसा कमाने का लक्ष्य नहीं बल्कि ‘सर्विस फॉर नेशन’ है और धन्य है वो वीर जवान जिसका जीवन देश के काम आता है इसलिए हर देशवासी दिल से इनका व इनके परिजनों का सम्मान करे क्योंकि देश का जांबाज सीमा प्रहरी नाम, नमक और निशान की गरिमा के लिए लड़ते हुए कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी देकर सरहद पर जागता है तभी देश चैन की नींद सोता है। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनो सहित 6 अन्य शहीद परिवारों को सिरोपे व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया तथा प्रिंसिपल वरिंदर कुमार आए हुए मेहमानों का आभार व्यक्त किया वहीं छात्रों द्वारा देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबकी आंखें नम कर दीं। इस मौके पर लेक्चरर तरलोक चंद, हरविंदर प्रताप सिंह पन्नू, करमजीत, हरजीत सिंह, अश्वनी कुमार, जगरूप कौर व अमरजीत कौर, मास्टर विनोद सलारिया, जतिंदर सिंह, दीपिका, सरिता, किरण रेखा, अनिल कुमार, रोहित, सिंपल देवी, नवनीत कुमारी, राकेश कुमार, गोरु शर्मा, साबी लांबा, संदीप सैनी, शब्द संधू, हनी, शानू शर्मा कमल कुमार आदि उपस्थित थे।







